श्री भजनलाल शर्मा
माननीय मुख्यमंत्री
श्री गजेन्द्र सिंह
माननीय चि. एवं स्वा. मंत्री
बजट घोषणा 2011-12 में राज्य सरकार द्वारा आमजन की आवश्यक औषधियों तक पहुँच बढाने के उद्देश्य से ‘‘मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना‘‘ दिनांक 02 अक्टूबर 2011 से लागू की गई। इस हेतु एक केन्द्रीकृत प्रणाली स्थापित करने की घोषणा की अनुपालना में दिनांक 04 मई 2011 को राजस्थान चिकित्सा सेवा निगम (आरएमएससीएल) का गठन किया गया।
बजट घोषणा 2019-20 की अनुपालना में मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजनान्तर्गत मरीजों को अतिरिक्त औषधियां उपलब्ध करवाये जाने के उद्देष्य से आवश्यक दवा सूची में कैन्सर, ह्नदय, गुर्दा एवं अन्य रोगो के इलाज हेतु कुल 105 औषधियां एवं 34 सर्जिकल आईटम्स आवश्यक दवा सूची में जोड़े गये।
बजट घोषणा 2022-23 में समस्त राजकीय चिकित्साल्यों में व्च्क्ध्प्च्क् को निःशुल्क करने की घोषणा की गई। जिसके अन्तर्गत ‘‘मुख्यमंत्री निःशुल्क निरोगी राजस्थान योजना‘‘ में आवश्यक दवा सूची का विस्तार करते हुए 635 औषधियां, 255 सर्जिकल्स (साईजवार) एवं 78 सूचर्स को शामिल किया गया। मुख्यमंत्री निःशुल्क निरोगी राजस्थान योजना एवं मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना को शामिल करते हुए आवश्यक दवा सूची में कुल 1829 औषधियां, सर्जिकल्स एवं सूचर्स है।
चिकित्सा संस्थान के स्तर अनुसार आवश्यक दवा सूची में नई औषधियां जुडने एवं स्तर परिवर्तन के पश्चात औषधियों, सर्जिकल एवं सूचर्स की संख्या निम्नानुसार हैः-
EDL |
NRD |
||||||||
Level |
Drug |
Surgical |
Suture |
Total |
Drug |
Surgical |
Suture |
Total |
Grand Total |
MCH |
696 |
174 |
79 |
949 |
547 |
255 |
78 |
880 |
1829 |
DH |
647 |
157 |
46 |
850 |
125 |
101 |
22 |
248 |
1098 |
CHC |
553 |
125 |
38 |
716 |
52 |
5 |
1 |
58 |
774 |
PHC |
430 |
86 |
16 |
532 |
13 |
3 |
1 |
17 |
549 |
SC (HWC) |
106 |
10 |
0 |
116 |
5 |
0 |
0 |
5 |
121 |
SC |
40 |
10 |
0 |
50 |
0 |
0 |
0 |
0 |
50 |
1. साथ ही आमजन की आवश्यक दवाओं तक पहुँच बढ़ाने के लिये पहले से आवश्यक दवा सूची में शामिल औषधियों/सर्जिकल एवं सूचर्स के वितरण स्तर मे बदलाव किया गया, जिससे निचले स्तर (DH, CHC, PHC, SC) के चिकित्सा संस्थानों पर आमजन को अधिक मात्रा में औषधियां उपलब्ध हो सकें।
2. कोविड-19 से संक्रमित रोगियों के उपचार में उपयोगी Liquid Medical Oxygen (LMO) एवं Mucormycosis के उपचार हेतु Liposomal Amphotericin B 50mg Injection को आवश्यक दवा सूची में शामिल किया गया।
3. 01.04.2019 से भारत सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ हैल्थ एवं फैमेली वेलफेयर विभाग द्वारा प्रतिमाह राज्यवार रैकिंग की जा रही है जिसमें राज्यवार रैंकिंग में राजस्थान राज्य प्रथम पायदान पर चल रहा है।
4. जिला औषधि भण्डार गृह जोधपुर, मेडिकल काॅलेज औषधि भण्डार गृह, अजमेर, जयपुर एवं कोटा में नवीन भवन का निर्माण निगम के स्वयं के स्त्रोतो से कराने की स्वीकृति जारी की गई है। NHM PIP 2022-23/2023-24 में 28 जिला औषधि भण्डार गृहों हेतु अतिरिक्त सिविल निर्माण प्रक्रियाधीन है।
5. बजट घोषणा 2023-24 के अनुसार मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना के अन्तर्गत क्रय की जा रही तापमान संवेदी औषधियों की गुणवत्ता बनाए रखने के उद्देष्य से निगम के अधीन समस्त जिला/मेडिकल काॅलेज औषधि भण्डार गृहों (कुल 40) पर अतिरिक्त Walk-in-Cooler की स्थापना की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
6. दवाओं की संख्या का भारत के अन्य राज्यों से तुलनात्मक विवरणः-
क्र.सं. |
राज्य (निगम) का नाम |
दवाओं की संख्या |
1 |
Rajasthan (RMSCL) |
1829 |
2 |
Tamilnadu (TNMSCL) |
1157 |
3 |
Gujarat (GMSCL) |
756 |
4 |
Haryana (HMSCL) |
685 |
5 |
Himachal Pradesh (HMSCL) |
679 |
7. योजना के अन्तर्गत गम्भीर बीमारियों यथा हिमोफिलिया, कैन्सर रोग, हृदय रोग, डायबिटिज और श्वास एवं दमा की दवाईयां भी उपलब्ध कराई जा रही है। निगम द्वारा उपलब्ध करवाई जा रही कुछ महंगी औषधियां निम्नानुसार हैः-
Item Name |
Rate (Including GST) |
Durvalumab 500mg Inj. [NRD-223] |
129665 |
Cetuximab 500mg Inj. [NRD-191] |
81760 |
Avelumab 200 mg Inj. [NRD-158] |
72288 |
Daratumumab400 mg Inj. [NRD-203] |
58128 |
t PA 50mg Alteplase for Injection [NRD-386] |
33855 |
(iv) बजट -
क्र.सं. |
विवरण |
बजट प्रावधान |
संषोधित प्रावधान | राज्य सरकार से प्राप्त राशि | राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से प्राप्त राशि | अन्य प्राप्तियाँ | कोविड-19 फंड (आपदा विभाग एंव एनएचएम) |
कुल प्राप्त राशि (4+5+6+7+8) |
व्यय वितरण |
|
1 |
2 |
3 |
4 |
5 |
6 |
7 |
8 |
9 |
1 |
2020-21 |
462.73 |
462.730 |
462.71 |
527.05 |
1.54 |
139.44 |
1130.74 |
819.52 |
2 |
2021-22 |
550.00 |
- |
536.20 |
514.07 |
26.00 |
324.00 |
1400.27 |
1236.76 |
3 |
2022-23 |
600.00 |
700.00 |
700.00 |
407.00 |
0.00 |
0.00 |
1107.00 |
1287.19 |
4 |
2023-24 (upto Dec.2023) |
800.00 |
- |
400.00 |
200.00 |
0.00 |
0.00 |
600.00 |
1186. |
*गैर अंकेक्षित आंकडे।
-- निगम द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 के प्रावधानों के विरूद्ध औषधियों/सर्जिकल्स एवं सूचर्स एवं सेनटरी नेपकिन हेतु दिनांक 31.12.2023 तक राशि रू. 1579 करोड़ के क्रयादेश जारी किए जा चुके है।
-- उक्त राषि में रिस्क एण्ड कोस्टक्रय/एनओएसक्यु वसूली/परिनिर्धारित हानि इत्यादि के समायोजन किए जाने शेष है।
-- राजस्थान चिकित्सा सेवा निगम के ईपीएम अनुभाग द्वारा राज्य के विभिन्न चिकित्सा संस्थानों हेतु उपकरणों का क्रय राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृतियों, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की स्वीकृतियों व संस्थानों के आधार पर खुली बोली के माध्यम से अनुबंधित की गई दर संविदाकृत फर्मों के माध्यम से कराया जाता है।
-- ई-उपकरण साॅफ्टवेयर के माध्यम से तय किये गये चिकित्सा शिक्षा विभाग के 563 प्रकार के एवं चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के 140 प्रकार के प्रकार के उपकरणों का रख-रखाव व रिपेयर कार्य केन्दीकृत व्यवस्था अंतर्गत चयनित सेवा प्रदाता फर्म के माध्यम से कराया जाता है।
Equipment Procurement:
-- चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान विभिन्न संस्थानों की मांग/ प्रशासनिक वित्तीय स्वीकृतियों के अनुसार चिकित्सा उपकरण/चिकित्सालय आईटम चिकित्सा संस्थाओं को 126 प्रकार के उपकरण उपलब्ध करवाये गए है। गत वर्षों में 600 से अधिक प्रकार के उपकरणों के दर अनुबंध किये जाकर आपुर्ति कराई गई है।
Equipment Repair & Maintenance:
-- मुख्यमंत्री निःशुल्क जाँच योजना के अंतर्गत काम आने वाले चिकित्सा शिक्षा विभाग के 563 प्रकार के एवं चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के 140 प्रकार के आवश्यक उपकरणों व चिकित्सकिय आईटमों का संधारण आरएमएससीएल के ईपीएम प्रकोष्ठ द्वारा एनएचएम के स्टेट इंवेन्ट्री सैल के सहयोग से किया जा रहा है।
-- इस हेतु अप्रेल-2022 से खुली बोली के माध्यम से चयनित सेवाप्रदाता फर्म से अनुबंध हस्ताक्षरित किया जाकर अनुबंध की शर्तों के अनुसार उपकरणों के अधिकतम समय तक कार्यशील रखे जाने का कार्य किया जा रहा है।
-- इस हेतु वर्तमान में फर्म मैसर्स Kirloskar Technologies Pvt. Ltd. द्वारा उक्त संधारण कार्य किया जा रहा है।
-- उपकरण संधारण की शिकायतों को दर्ज किये जाने, उनके निवारण संबंधी कार्यवाही आदि को माॅनिटर करने हेतु ई-उपकरण साॅफ्टवेयर प्रयोग में लिया जा रहा है, जिसे सभी हितधारकों की आवश्यकतानुसार समय-समय पर उन्नत भी किया जाता हैै।
Scope of Maintenance Work:
-- Repair, Calibration, Training and Preventive Maintenance.
-- शिकायत पंजीकरण IVRS, e-Upkaran Software and e-Upkaran Mobile Application के माध्यम से ।
-- आवश्यक उपकरण सूची के चिकित्सा शिक्षा विभाग के 563 प्रकार के एवं चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के 140 प्रकार के उपकरण, जिनकी वर्तमान संख्या 1,15,440 है। (Approx. value Rs. 1345.06 Crore)
Financial year wise equipment complaint status:
S. No. |
Financial Year |
Complaint Raised |
Complaint Resolved |
In Process |
1 |
2020-21 |
13812 |
13812 |
0 |
2 |
2021-22 |
17862 |
17862 |
0 |
3 |
2022-23 |
24700 |
24700 |
0 |
4 |
2023-24 (Till 19-01-2024) |
30807 |
29889 |
918 |
Quality Control
राज्य सरकार ने राजकीय अस्पतालों में सम्पूर्ण उपचार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से जनहित की ओर एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सुरक्षा योजना "मुख्यमंत्री निःशुल्क जाँच योजना" चरणबद्ध तरीके से निम्न प्रकार लागू है।
क्र.सं. |
योजना के चरण |
योजना की प्रारंभ तिथि |
चिकित्सा संस्थान |
जाँचों की संख्या |
जाँचों की संख्या में की गई वृद्धि |
1 |
प्रथम चरण |
7 अप्रेल 2013 |
एसएमएस मेडिकल काॅलेज एवं संबद्ध चिकित्सालय |
90 |
1033 |
मेडिकल काॅलेज अजमेर, उदयपुर, बीकानेर, जोधपुर, कोटा आरयूएचएस |
90 |
689 |
|||
राजमेस मेडिकल कालेज एवं जिला चिकित्सालय |
56 |
143 |
|||
उपजिला/ सैटेलाइट चिकित्सालय |
56 |
117 |
|||
2 |
द्वितीय चरण | 1 जुलाई 2013 | सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र |
37 |
101 |
3 |
तृतीय चरण | 15 अगस्त 2013 | प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं डिस्पेंसरी उप स्वास्थ्य केन्द्र |
15 |
66 |
क्रं.सं. | वित्तीय वर्ष | जाँचों की कुल संख्या | लाभार्थियों की कुल संख्या | कुल व्यय (राशि करोडों में) |
1 |
2013&14 |
2,84,98,245 |
1,54,06,158 |
152.16 |
2 |
2014&15 |
3,19,99,051 |
1,93,52,067 |
118.33 |
3 |
2015&16 |
4,28,65,324 |
2,29,02,790 |
134.45 |
4 |
2016&17 |
4,78,12,261 |
2,39,67,944 |
140.81 |
5 |
2017&18 |
4,81,87,639 |
2,02,69,930 |
167.09 |
6 |
2018&19 |
5,48,43,013 |
2,14,49,472 |
253.69 |
7 |
2019&20 |
6,25,19,079 |
2,28,63,936 |
253.40 |
8 |
2020&21 |
3,89,50,873 |
1,34,91,364 |
260.33 |
9 |
2021&22 |
6,05,60,036 |
1,92,42,214 |
345.33 |
10 |
2022&23 |
12,61,05,852 |
4,12,13,822 |
316.27 |
11 |
2023&24 |
11,93,34,028 |
3,85,42,359 |
223.52 |
कुल |
66,16,75,401 |
25,87,02,056 |
2365.38 |
इस योजना के अन्तर्गत दिनांक 07 अप्रैल 2013 से 31 दिसम्बर 2023 तक 66 करोड़ 16 लाख 75 हजार 401 निःशुल्क जाँचें की जा चुकी है जिससे 25 करोड़ 87 लाख 02 हजार 056 व्यक्ति लाभान्वित हुये है।
टेलीरेडियोलाॅजीः-
टेलीरेडियोलाॅजी मे एक्सरे की जाँच क्लाउड कम्प्युटिंग साॅफ्टवेयर द्वारा की जाती है। इस साॅफ्टवेयर के माध्यम से राज्य के 53 जिला, उप जिला, सेटेलाईट अस्पतालों में टेलीरेडियोलाॅजी के माध्यम से एक्सरे रिर्पोटिंग करवाकर मरीजो को लाभान्वित किया जा रहा है। अगस्त, 2019 से दिसम्बर, 2023 तक 20,47,345 मरीजों की 26,89,544 एक्सरे इमेजो की रिर्पोटिंग की गई है।
New Initiative : Hub and Spoke Model
वित्तीय वर्ष 2021-22 बजट घोषणा की पालना अनुसार जाँचों को Hub and Spoke Model पर इन हाॅउस केपिसीटी बिल्डिंग करते हुए उपलब्ध करवाया जाना है। जिला चिकित्सालय स्तर पर 143, उपजिला चिकित्सालय स्तर पर 117, सामुदायिक स्वा. केन्द्रो पर 101 एवं प्राथमिक स्वा. केन्द्रो पर 66 जाँचों को उपलब्ध करवाया जाना है।
माननीय मुख्यमंत्री की वर्ष 2019-20 की बजट घोषणा के बिन्दु संख्या 95 की अनुपालना में राज्य के शहरी क्षेत्र के नागरिकों को उनके निवास के नजदीक तत्काल व निःषुल्क प्राथमिक चिकित्सा उपलब्ध कराने के दृष्टिगत मोहल्ला/गली में जनता क्लिनिक खोले जाने की घोषणा की गई थी।
जनता क्लिनिक की गाईड लाईन के अनुसार राज्य के शहरी क्षेत्र में जनता क्लिनिक का संचालन मुख्य रूप से कच्ची, सघन बस्तियों एवं राजकीय स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित क्षेत्रों में किया जाना है, जहां चिकित्सा संस्थान नहीं है। वहां के नागरिकों को अपने निवास के नजदीक तत्काल एवं निःशुल्क प्राथमिक चिकित्सा उपलब्ध कराने के उद्देष्य से ही जनता क्लिनिक खोले जाने है। प्रति जनता क्लिनिक कवर की जाने वाली लगभग जनसंख्या-20 हजार तक हैं। जनता क्लिनिक का संचालन पूर्व में भामाषाह/दानदाताओं/स्थानीय निकाय के सहयोग से निर्मित एवं दानस्वरूप भवन आदि में संचालित किया गया हैं।
-- विभाग द्वारा जनता क्लिनिक में चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ एवं अन्य स्टाफ सेवा प्रदाता एजेंसी के माध्यम से हैं। वर्ष 2020-2021 में बजट स्वीकृत किया गया।
-- वित्तीय वर्ष 2021-2022 में भारत सरकार द्वारा 15 वें वित्त आयोग अन्तर्गत शहरी स्वास्थ्य केल्याण केन्द्र (यूएचडब्ल्यूसी) खोलने हेतु वित्तीय प्रावधान किया गया जिसके तहत प्रति शहरी स्वास्थ्य कल्याण केन्द्र 05 पद (01 चिकित्सा अधिकारी, 01 जीएनएम, 01 एएनएम एवं 02 सपोर्ट स्टाफ) के पद निर्धारित किये गये।
-- जनता क्लिनिक एवं शहरी स्वास्थ्य कल्याण केन्द्र योजना समान रूप से होने के फलस्वरूप 15 वें वित्त आयोग भारत सरकार से प्राप्त बजट से खोले जाने का निर्णय लिया गया।
15वें वित्त आयोग से निम्नांनुसार शहरी स्वास्थ्य एवं कल्याण केन्द्र-जनता क्लिनिक की स्वीकृति जारी की गई :-
वर्ष |
स्वीकृत संस्थान | बजट मद |
2021-2022 |
142 |
15 वें वित्त आयोग |
2022-2023 |
142 |
15 वें वित्त आयोग |
-- प्रधानमंत्री - आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन 2022 (PM-ABHIM) के तहत 47 जनता क्लिनिक- यू.एच.डब्ल्यू.सी पर का अनुमोदन प्राप्त हुआ है, अनुमोदित राशि 35 करोड रूपये वास्ते, प्राप्त प्रस्तावों का परीक्षण करवाया जाकर प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी की जा चुकी है।
-- वितीय वर्ष 2022-23 में PM-ABHIM (प्रधानमंत्री -आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन 2022) के तहत 47 अतिरिक्त शहरी स्वास्थ्य एवं कल्याण केन्द्र-जनता क्लिनिक खोले जाने की स्वीकृति जारी की गई।
-- वर्तमान में 173 शहरी स्वास्थ्य एवं कल्याण केन्द्र-जनता क्लिनिक का संचालन किया जा रहा है, शेष संस्थान खोलने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन हैं।
-- 15वें वित्त आयोग प्रदत्त राशि से शहरी स्वास्थ्य एवं कल्याण केन्द्र-जनता क्लीनिक पर विशेषज्ञ सेवाओं (यथा मेडीसन, गायनी, शिषु रोग, मनोचिकित्सक, हड्डीरोग व दन्त रोग) हेतु वर्ष 2021-2022 में 48 पाॅली क्लिनिक के लिए 6.70 करोड रूपये की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी हुई है। इन विशेषज्ञों को सप्ताह में निष्चित दिन सेवाऐं देने पर दो घन्टे के लिए अधिकतम रूपये 2000/- के मानदेय पर रखा जायेगा।
योजना का विवरण (Salient Features) :-
1. योजना का प्रारंभ: राज्य में दिनांक 30 जनवरी 2021 से लागू आयुष्मान भारत-महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना का दायरा बढ़ा कर पूरे प्रदेश को स्वास्थ्य बीमा का लाभ देने के लिए दिनांक 1 मई 2021 से प्रदेश में मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना की शुरूआत की गई है ।
2. लाभार्थी परिवार: योजनार्न्तगत जन-आधार डेटाबेस से जुडे/पंजीकृत वें परिवार जो निःशुल्क श्रेणी के अर्न्तगत पात्रता रखते है अथवा निर्धारित प्रीमियम का भुगतान कर योजना में पंजीकृत हुए है । निःशुल्क श्रेणी में पंजीकृत राज्य के खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के अन्तर्गत पात्र लाभार्थी परिवार, सामाजिक आर्थिक जनगणना (एसईसीसी) 2011 के पात्र परिवार, प्रदेश के समस्त विभागों/बोर्ड/निगम/सरकारी कम्पनी में कार्यरत संविदाकार्मिक, लघु एवं सीमांत कृषक एवं गत वर्ष कोविड-19 अनुग्रह राशि प्राप्त करने वाले निराश्रित एवं असहाय परिवार सम्मिलित है । प्रदेश के वें अन्य परिवार जो सरकारी कर्मचारी/पेंशनर नहीं है, अर्थात् मेडिकल अटेन्डेंस नियमों के तहत् लाभ नहीं ले रहे है, वें निर्धारित प्रीमियम का भुगतान कर योजना में सम्मिलित हो सकते है ।
3. पैकेज: योजना केवल आईपीडी प्रोसिजर्स एवं चिन्हित प्रोसिजर्स के लिए मान्य होगी। योजना के अन्तर्गत विभिन्न बीमारियो के 1798 प्रकार के पैकेजेज़ एवं प्रोसिजर्स उपलब्ध है । पैकेजेज़ को और अधिक सुगम एवं समझने में आसान बनाने के लिए इन्हें योजना के सॉफ्टवेयर में 3219 पैकेजेज में विभक्त किया गया है । योजनान्तर्गत योजना के आरम्भ से पूर्व की सभी बीमारियां सम्मिलित है। योजना के अन्तर्गत लाभार्थी को मिलने वाले बीमारियों के पैकेज में निम्नांकित चिकित्सा सुविधाएँ शामिल है :-
· पंजीकरण शुल्क
· बिस्तर व्यय
· भर्ती व्यय तथा नर्सिंग व्यय
· शल्य चिकित्सा, संवेदनाहरण विशेषज्ञ तथा सामान्य चिकित्सा का परामर्श शुल्क
· संवेदनाहरण, (Anaesthesia) रक्त, ऑक्सीजन, ओ.टी आदी का व्यय
· औषधियों का व्यय
· एक्स-रे तथा जाँच पर व्यय, आदि
· संचारी रोगो से अस्पताल के स्टाफ एवं मरीज के बचाव के लिए आवश्यक उपकरणों पर होने वाला व्यय
मरीज जिस बीमारी के लिए अस्पताल में भर्ती होता है, उसके 5 दिन पहले एवं डिस्चार्ज के 15 दिन तक उस बीमारी से संबंधित उस अस्पताल में की गयी जांचों, दवाइयों एवं डॉक्टर के परामर्श शुल्क का व्यय उस पैकेज की राशि में सम्मिलित है ।
4. अन्य प्रावधान: योजना में परिवार के आकार एवं आयु की कोई सीमा नहीं है । एक वर्ष तक के शिशु बिना परिवार कार्ड में नाम के भी योजना में लाभ लेने के लिए अधिकृत होंगे।
योजना का उद्देश्य :-
1. पात्र परिवारो का स्वास्थ्य पर होने वाला व्यय (Out of pocket Expenditure) कम करना।
2. पात्र परिवारो का राजकीय अस्पतालो के साथ-साथ योजना में सम्बद्ध निजी चिकित्सालयो के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण एवं विषेशज्ञ चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराना।
3. राज्य के पात्र परिवारो को योजना में वर्णित पैकेज से संबंधित बीमारियो का निःशुल्क ईलाज उपलब्ध करवाना।
योजनार्न्तगत पैकेज :-
योजनार्न्तगत सम्बद्ध सरकारी एवं निजी अस्पतालों में निःशुल्क इलाज की सुविधा दी जायेगी। राज्य के समस्त सरकारी अस्पतालों जैसे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, सैटेलाइट अस्पताल, उप खण्ड अस्पताल, जिला अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेजों से सम्बद्ध अस्पतालों, राज्य में स्थित भारत सरकार के अस्पतालों एवं योजना में सम्बद्ध निजी अस्पतालों में निर्धारित पैकेज अर्न्तगत इलाज लिया जा सकेगा। योजना में अस्पतालों को योजना से सम्बद्ध करने का कार्य राजस्थान स्टेट हेल्थ एश्योरेंस एजेंसी द्वारा किया जायेगा। योजना से सम्बद्ध सरकारी एवं निजी अस्पतालों की सूची योजना की वेबसाइट पर देखी जा सकती है ।
विशेषज्ञता एवं पैकेज : योजनार्न्तगत 31 विशेषज्ञता के कुल 1798 पैकेज से सम्बन्धित बीमारियों के लिए इलाज दिया जायेगा ।
योजनान्तर्गत पात्रता :-
योजनार्न्तगत पात्र परिवार दो प्रकार की श्रेणियों में विभक्त किया गया है -
1. निःशुल्क लाभ प्राप्त करने वाली श्रेणी :- राज्य सरकार द्वारा निर्धारित ऐसी श्रेणी के पात्र परिवारों के प्रीमियम का 100 प्रतिशत भुगतान सरकार द्वारा किया जाता है। वर्तमान में खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अर्न्तगत पात्र परिवार, सामाजिक आर्थिक जनगणना (एसईसीसी) 2011 के पात्र परिवार, राज्य के सरकारी विभागों/बोर्ड/निगम/सरकारी कम्पनी में कार्यरत संविदा कार्मिक, लघु सीमांत कृषक एवं गत वर्ष कोविड-19 अनुग्रह राशि प्राप्त करने वाले निराश्रित एवं असहाय परिवार निःशुल्क श्रेणी में सम्मिलित है ।
2. रू 850/-प्रति परिवार प्रति वर्ष का भुगतान कर लाभ प्राप्त करने वाली श्रेणी :- राज्य के वें परिवार जो निःशुल्क पात्र परिवारों की श्रेणी में नही आते एवं सरकारी कर्मचारी/पेंशनर नही है तथा मेडिकल अटेंडेंस रूल्स के तहत् लाभ नहीं ले रहे है वें निर्धारित प्रीमियम का 50 प्रतिशत अर्थात् रू 850 प्रति परिवार प्रति वर्ष का भुगतान कर योजना का लाभ ले सकते है। प्रीमियम का शेष 50 प्रतिशत भाग सरकार द्वारा वहन किया जायेगा ।
जननी सुरक्षा योजना का शुभारम्भ राजस्थान में सितम्बर 2005 से किया गया।
योजना के उद्देश्य-
1. मातृ मृत्यु दर एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाना।
2. संस्थागत प्रसवों की संख्या में वृद्धि करना।
प्रोत्साहन एवं प्रेरक राशि :-
इस योजना के अन्तर्गत राजकीय चिकित्सालयों एवं राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त निजी चिकित्सालयों। प्रसव कराने पर प्रसूताओं एवं आशा सहयोगिनियों (सिर्फ राजकीय चिकित्सालयों) को निम्न प्रकार प्रोत्साहन ए प्रेरक राशि प्रदान की जाती है:-
क्षेत्र | प्रसवोपरान्त माताओं (प्रोत्साहन राशि) | आशा सहयोगिनीयों (प्रेरक राशि) |
---|---|---|
ग्रामीण | 1400/- | 300/-ए.एन.सी पर 300/- संस्थागत प्रसव पर |
शहरी | 1000/- | 200/-ए.एन.सी पर 200/- संस्थागत प्रसव पर |
-- आशा सहयोगिनी अपने क्षेत्र की बीपीएल परिवार की सभी गर्भवती महिलाओं को प्रसव से 8-12 सप्ताह पूर्व 500/- रुपये की राशि सम्बन्धित प्रसाविका अथवा नजदीक के संस्था प्रभारी से चैक द्वारा दिलवाकर ए.एन.सी. कार्ड में इन्द्राज करवायेगी जिनके द्वारा संस्थागत प्रसव कराये जाने पर जननी सुरक्षा योजना प्रोत्साहन राशि में से 500 रुपये कम कर भुगतान किया जाना है।
-- आशा सहयोगिनी द्वारा ए.एन.सी. का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने पर ए.एन.सी. के लिए निर्धारित प्रोत्साहन राशि ऑनलाईन देय है।
-- आशा सहयोगिनी द्वारा राजकीय संस्थान में संस्थागत प्रसव का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने पर संस्थागत प्रसव की प्रोत्साहन राशि ऑनलाईन देय है।
-- मान्यता प्राप्त निजी चिकित्सालयों पर प्रसव कराने पर आशा सहयोगिनीयों को लाभ दिये जाने का प्रावधान नहीं है।
-- प्रसव पीड़ा के समय घर से निकलते समय या परिवहन के दौरान प्रसव होने तथा प्रसूता का राजकीय / अधिकृत चिकित्सा संस्थान पर 48 घंटे तक भर्ती रहने पर जेएसवाई के तहत दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि उस प्रसूता को देय है।
-- उक्त प्रोत्साहन राशि कॉटेज वार्ड में भर्ती प्रसूता को देय नहीं है।
-- मेडिकल कॉलेज अस्पताल, जिला अस्पताल, उप जिला अस्पताल, सैटेलाईट एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर 31 जुलाई, 2015 रात्रि 12:00 बजे से होने वाले प्रसवों पर प्रसूताओं को सीधे बैंक खाते में हस्तान्तरित किया जा रहा है। दिनांक 13 दिसम्बर, 2016 से ओजस सॉफ्टवेयर के द्वारा दिये जा रहे ऑनलाईन भुगतान कार्यक्रम को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर तक भी लागू किया जा चुका है, जिसमें उप स्वास्थ्य केन्द्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं जेएसवाई में अधिस्वीकृत निजी चिकित्सा संस्थानों पर दिनाक 13.12.2016 से होने वाले प्रसवों में भी जननी सुरक्षा योजना एवं मुख्यमंत्री राजश्री योजना के अन्तर्गत देय भुगतान को लाभार्थी को सीधे ही बैंक खाते में ऑनलाईन स्थानान्तरित किये जाने का प्रावधान किया गया है साथ ही दिनाक 01 जून 2017 से ओजस के माध्यम से दिये जा रहे ऑनलाईन भुगतान कार्यक्रम को राज्य में सभी सिटी डिस्पेन्सरी पर भी लागू किया जा चुका है।
जननी सुरक्षा योजना की भौतिक प्रगति रिपोर्ट
जेएसवाई लाभान्वितों की संख्या |
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सुविधायें |
कुल संस्थागत प्रसव | जेएसवाई लाभान्वितों की संख्या | |
क्र.स. | वर्ष | ||
1 | 2018-19 | 118012 | 1033904 |
2 | 2019-20 | 1098022 | 959458 |
3 | 2020-21 | 1048693 | 955659 |
4 | 2021-22 | 1008775 | 898250 |
5 | 2022-23 | 1050000 | 868000 |
6 | 2023-24* | 846000 | 622000 |
•(दिसम्बर, 2023 तक)
आवश्यकता:
1. संस्थागत प्रसव की संख्या बढ़ी है
2. 25% से अधिक गर्भवती महिलाएं अभी भी स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंचने में झिझकती हैं।
3. इन पर जेब से अधिक खर्च:
- ओपीडी, प्रवेश, नैदानिक परीक्षण, रक्त आदि परीक्षण, रक्त आदि के लिए उपयोगकर्ता शुल्क
- दवाइयाँ और अन्य उपभोग्य वस्तुएँ खरीदना
4. सिजेरियन ऑपरेशन पर अधिक खर्च
5. आहार की अनुपलब्धता
6. महँगा परिवहन
उद्देश्य:
1. एक करोड़ से अधिक गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं को लाभ होने का अनुमान
2. गर्भवती महिलाओं और बीमार नवजात शिशुओं के अधिकारों और जेब से होने वाले खर्च को खत्म करने पर जोर
3. सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों तक पहुंच बढ़ाना
4. MMR (मातृ मृत्यु दर) और IMR (शिशु मृत्यु दर) कम करना
गर्भवती महिलाओं के लिए अधिकार:
1. निःशुल्क डिलीवरी एवं सी-सेक्शन
2. डिलीवरी से पहले, उसके दौरान और 6 महीने बाद तक मुफ्त दवाएं और उपभोग्य वस्तुएं
3. नि:शुल्क निदान (रक्त, अल्ट्रासोनोग्राफी आदि)
4. प्रवास के दौरान निःशुल्क आहार (सामान्य प्रसव के लिए 3 दिन तक और सी-सेक्शन के लिए 7 दिन तक)
5. रेफरल और घर वापस छोड़ने के मामले में घर से स्वास्थ्य संस्थान तक, स्वास्थ्य संस्थान के बीच मुफ्त परिवहन
6. सभी प्रकार के यूजर चार्ज से छूट
जन्म के 30 दिन बाद तक बीमार नवजात शिशु के लिए पात्रता:
1. निःशुल्क एवं शून्य व्यय इलाज
2. निःशुल्क दवाएँ एवं उपभोग्य वस्तुएँ
3. नि:शुल्क निदान
4. रक्त की निःशुल्क व्यवस्था
5. रेफरल और घर वापस छोड़ने के मामले में घर से स्वास्थ्य संस्थान तक, स्वास्थ्य संस्थान के बीच मुफ्त परिवहन
6. सभी प्रकार के यूजर चार्ज से छूट